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बाबा नीम करौरी महाराज की ध्वज पदयात्रा में उमड़े भक्त, जगह जगह स्वागत, अन्य प्रदेशों से भी आये श्रद्धालु

खराखेल फर्रुखाबादी, फर्रुखाबाद। बाबा नीम करोली महाराज की ध्वजा पदयात्रा में भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा नगर में यात्रा का पुष्प वर्षा के बीच स्वागत किया गया भव्य सजाई गई बाबा की झांकी की लोगों ने जगह जगह आरती उतारी व प्रसाद वितरण किया। जिससे सुबह से ही नगर का माहौल आध्यात्मिक बना रहा। रविवार सुबह 7:00 बजे नितगंजा स्थित शिव मंदिर से प्रारंभ हुई। इस यात्रा की खास बात यह है कि बाबा नीम करौरी महाराज के पौत्र डॉ. धनंजय शर्मा विशेष रूप से भोपाल से आकर यात्रा में शामिल हुए ध्वज पदयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए बाबा की तपोस्थली नीम करौरी धाम पहुंची। यात्रा के दौरान श्रद्धालु जयकारों और पुष्प वर्षा करते रहे। यात्रा रेलवे रोड, जसमई दरवाजा होते हुए नीम करौरी धाम की ओर रवाना हुई।यात्रा में वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री भी शामिल होकर बाबा के दरबार में माथा टेका । राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के जिला अध्यक्ष लखन दीक्षित, प्रिंस शुक्ला भईन मिश्रा,नीरज पारिख,शिवम दीक्षित,नीरज सक्सेना,सुदेश दुबे , श्वेता दुबे सहित अनेकों गणमान्य व्यक्तियों, महिलाओं एवं बच्चों ने यात्रा में भाग लिया आयोजन समिति द्वारा यात्रा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है, और प्रचार-प्रसार की समुचित व्यवस्था की गई है। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। बाबा नीम करौरी महाराज को भारत में अवतारी संत माना जाता है। उनकी ख्याति न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है। अमेरिका के प्रसिद्ध टेक उद्यमी स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी बाबा के दर्शन के लिए भारत आ चुके हैं। नीम करौरी में स्थित बाबा के मंदिर का प्रबंधन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाता है। इस मंदिर को "बाबा लक्ष्मण दास पुरी" रेलवे स्टेशन के नाम से भी पहचाना जाता है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु पूरी आस्था और भक्ति के साथ मंदिर में माथा टेकता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नीम करौरी धाम में हर साल विभिन्न धार्मिक आयोजनों का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। बाबा के भक्त उनकी चमत्कारी घटनाओं और प्रेरणादायक संस्मरणों को आज भी श्रद्धा से सुनाते हैं। इस वर्ष की ध्वजा पदयात्रा ऐतिहासिक हो गयी , क्योंकि बाबा के वंशज इसमें विशेष रूप से शामिल हो रहे थे। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस धार्मिक यात्रा में भाग लिया। वहीं नीम करोरी स्थित बाबा के सिद्ध में भव्य पूजा अर्चना का आयोजन हुआ भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह से लेकर शाम तक वहां उत्सव का माहौल बना रहा और विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें दूर-दूर से आए हुए भक्त जनों ने पहुंचकर बाबा का प्रसाद ग्रहण किया। सिद्ध पुरुष बाबा नीम करौरी महाराज, जिन्होंने अपनी तपस्या से अंग्रेजी शासनकाल में रेलगाड़ी तक रोकने जैसा चमत्कारिक कार्य किया था, आज भी करोड़ों भक्तों के हृदय में बसे हुए हैं। उनके अनुयायी न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। बाबा की तपोभूमि नीम करौरी धाम में भव्य मंदिर स्थित है, जहां वर्षभर धार्मिक आयोजनों की धूम रहती है और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उनकी समाधि पर दर्शन के लिए आते हैं। इसी श्रद्धा और भक्ति की कड़ी में बीते चार वर्षों से बाबा की ध्वज पदयात्रा नगर से निकाली जाती है, जिसका नगरभर में भव्य स्वागत किया जाता है।

3/2/20251 मिनट पढ़ें