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'चल उड जा रे पंछी यह देश हुआ बेगाना'

खराखेल फर्रुखाबादी, कन्नौज। लाख बहोशी पक्षी विहार में शीतकालीन ऋतु में विदेशी पक्षी प्रवास के लिए आते है। होली के त्यौहार के बाद भोर होते ही आसमान में उडते हुए पक्षियों की चिचियाने की आवाज गूंजती है वह अपने साथियों को 'चल उड जा रे पंक्षी यह देश हुआ बेगाना' संदेश देकर वतन वापसी के प्रेरित करते है। यह पंक्तियों तो एक फिल्म के खाने की है लेकिन लाख बहोशी पक्षी विहार के विदेशी परिंदों के लिए सटीक साबित हो रही है। जिले के इंदरगढ़ थाना की लाख बहोशी ग्राम पंचायत में विशालकाय झील है। सदियों से इस झील बरसात के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी पहचान बनाने पक्षियों के साथ क ई देशों के परिंदे इस झील में सदियों से प्रवास पर आते हैं। लगातार बढ रही विदेशी पक्षियों की संख्या के चलते प्रदेश सरकार ने इसे संरक्षित करने का फरमान जारी किया था। सरकार इस झील व आसपास के लिए को पक्षियों के संरक्षित करते हुए पक्षी विहार घोषित कर दिया। इसके साथ ही पर्यटकों की सुविधा के सडक के साथ ही झील में प्रवासी पक्षियों को निहारने के लिए टावर भी बनवाये।इस झील में साइबेरिया, चीन, पाकिस्तान, कनाडा, श्रीलंका देशों के छोटी सिलही, गिर्री बत्तख, जामुनी जल मुर्गी, लालसिर, तिंदारी जल पीपी, टिकडी, सिलेटी सवन, सींखपर, सफेद बुज्जा, लोहारजंग, हाजी लगलग, जांघिल जैसी प्रजातियों के हजारों पक्षी सितम्बर से अक्टूबर माह के बीच प्रवास करने लाख बहोसी पक्षी विहार आते है। 6 माह रहने के बाद यह होली के त्यौहार होते ही वतन वापिसी करने लगते है।अब विदेशी परिंदों के वतन वापसी से इस पक्षी विहार में मायूसी छा गई।

3/20/20251 मिनट पढ़ें