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फर्रुखाबाद नगर पालिका की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।

मदहोश नगर पालिका,बदहाल व्यवस्था

खराखेल फर्रुखाबादी, फर्रुखाबाद। नगर पालिका की सेवाएं इन दिनों पूरी तरह ठप हो गई हैं, जिससे शहरवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी का कहर जारी है। नगर पालिका व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बजाय मौन साधे हुए है। पालिकाध्यक्ष पारिवारिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जबकि जनता राहत की आस लगाए बैठी है। शहर में जल आपूर्ति से लेकर सड़कों और गलियों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। मुख्य सड़कें और गलियां जर्जर हैं, और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अंधेरी गलियों और टूटी सड़कों से लोग हर दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। दूसरी ओर, पानी की आपूर्ति अनियमित हो चुकी है, जिससे लोग दैनिक जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नगर पालिका की निष्क्रियता ने शहरवासियों को नाराज कर दिया है। लोगों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में अलाव जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। शहर में साफ-सफाई से लेकर लाइट और सड़क व्यवस्था तक हर सेवा चरमराई हुई है। जनता का कहना है कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को 'स्मार्ट प्रदेश' और 'जापान जैसा' बनाने का सपना दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर फर्रुखाबाद नगर पालिका की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। पालिकाध्यक्ष की गैरमौजूदगी और नगर पालिका अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते विकास कार्य ठप हो गए हैं। शहरवासियों का कहना है कि नगर पालिका की धीमी गति ने शहर के विकास को पूरी तरह रोक दिया है। सर्दियों में अलाव जैसी राहत सेवाएं भी नगर पालिका की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं हैं। शहर के प्रमुख स्थानों पर लकड़ी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गरीब और जरूरतमंद लोग ठंड से बचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में नगर पालिका की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर जिले को फोर लेन सड़कों से जोड़ने और उत्तर प्रदेश को स्मार्ट प्रदेश बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं फर्रुखाबाद शहर में विकास कार्य ठप हो चुके हैं। शहर के लोग सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। शहरवासियों की मांग है कि जल आपूर्ति को नियमित किया जाए।मुख्य सड़कों और गलियों की मरम्मत कराई जाए।स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।ठंड के मौसम में अलाव और राहत सेवाएं शुरू की जाएं।नगर पालिका के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। शहरवासियों का कहना है कि नगर पालिका की निष्क्रियता ने उनकी परेशानियों को बढ़ा दिया है। अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो जनता को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। शहर के विकास के लिए जिम्मेदार संस्थान की यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता की जरूरतों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

1/8/20251 मिनट पढ़ें