

राम नगरिया में वही राम कथा की निर्मल धारा
खराखेल फर्रुखाबादी,फर्रुखाबाद। श्री राम नगरिया मेला प्रशासन द्वारा आयोजित श्री राम कथा का शुभारंभ हो गया । वृंदावन से पधारे कथा वक्ता पंडित ज्ञानेश महाराज ने कहा की समस्त देवताओं के अवतारों में अगर सबसे अधिक जनमानस को किसी ने प्रभावित किया है हमारे श्री राघवेंद्र सरकार जी के चरित्र ने किया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि संसार के समस्त धर्मों में मानवता के जितने उदाहरण बताए गए है वह समस्त गुण श्री रामचंद्र भगवान के चरित्र में परिलक्षित होते है। हम सनातनियों का जीवन बिना राम जी के संभव ही नहीं है। राम हमारे रोम रोम में हैं।हमारी प्रत्येक स्वास में है।हमारे हर कार्य में है।श्री राम जी हमारी उपासना का केंद्र है।सनातनियों सुबह शुरु होती है राम राम से और अंतिम विदाई भी दी जाती है राम के नाम से, आज परिवारों में रामकथा की गाना बंद हुआ है। उसके दुष्परिणाम हमारे सामने है। हमारे परिवार बिखर रहे है।रिश्ते समाप्त होते जा रहे है।रिश्ते स्वार्थों पर टिक गए है। हम सत्संग से दूर होते जा रहे है।आज की युवा पीढ़ी आज हमारे धर्म ग्रंथों को छोड़ इंटरनेट का दुरुपयोग करके दुनिया की असत्य साहित्य को सत्य के नाम पर पढ़ना शुरु कर दिए है।हमारी युवा पीढ़ी को झूठी कहानियां पढ़ाकर हमारे सदग्रंथो से दूर करके सनातन के विरुद्ध एक कुचक्र चलाया जा रहा है। सत्संग की महिमा बताते हुए कहा की अगर किसी संत की ,किसी साधु की , किसी महापुरुष का एक घड़ी भी सतसंग मिल जाए तो तो उस जीव का बेड़ा पार हो जायेगा। अगर हम जीवन में नित सत्संग का स्वभाव बना ले,भजन का स्वभाव बना ले,तो जीव का मन निर्मल व पवित्र हो जाता है ,वह शनै शनै परमात्मा की और बढ़ने लगता है। उन्होंने कलयुग की महिमा बताते हुए भगवान शिव सती जी की कथा सुनाई की कैसे मां सती जी भगवान शंकर का कहना नही माना और ब्रह्म की परीक्षा लेने सीता जी का वेश बना कर पहुंची ,भगवान श्री राम जी के द्वारा पहिचान लेने पर मन में बहुत छोब हुआ ,और जिस शरीर से , जिस तन से सती जी ने श्री सीता जी का रूप रखा ,शंकर भगवान ने ये विचार कर त्याग दिया की अगर अब इस शरीर को अपनी पत्नी के रूप में अपनाते है तो ये मेरी भक्ति का अपराध हो जायेगा और कैलाश लौट आए और राम राम जपते हुए स्माधिस्त हो गए । कथा में सुंदर भजनों पर भक्तो ने खूब आनंद लिया।
1/25/20251 मिनट पढ़ें