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आलू की कीमतों में गिरावट: सातनपुर मंडी में आलू ₹80 रुपये सस्ता
खरा खेल फर्रुखाबादी, फर्रुखाबाद।सातनपुर मंडी में आलू की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 30 दिसंबर को मंडी में पैक आलू ₹601 से ₹721 प्रति पैकेट की दर पर बेचा गया, जबकि खुला आलू ₹1301 से ₹1401 प्रति कुंतल के बीच रहा। यह गिरावट पिछले सप्ताह की तुलना में ₹80 प्रति कुंतल तक की कमी दर्शाती है। इस सीजन में आलू का उत्पादन अधिक हुआ है, जिससे कीमतों में गिरावट आई। कम खपत: ठंड के मौसम में मांग में कमी और बाजार में बढ़ती आपूर्ति भी गिरावट का कारण बनी। बाहरी मंडियों का प्रभाव: आसपास की मंडियों में भी कीमतों में कमी का असर सातनपुर मंडी पर पड़ा। किसानों को इस गिरावट से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि उत्पादन लागत भी पूरी नहीं हो रही। किसान राकेश कुमार ने कहा "मंडी में आलू की कीमत इतनी कम हो गई है कि हमारा खर्चा भी नहीं निकल रहा।" किसान यूनियन ने कहा "सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना चाहिए ताकि किसानों को नुकसान न हो।" दूसरी ओर, आम उपभोक्ताओं और थोक व्यापारियों के लिए यह गिरावट राहत लेकर आई है। स्थानीय व्यापारी अनिल गुप्ता ने कहा "कीमतों में गिरावट से बाजार में खरीदारी बढ़ी है।" स्थानीय निवासी सुनीता देवी ने कहा "आलू की कीमतें कम होने से सब्जी का खर्च कम हो गया है।" आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू वर्मा का मानना है कि अगर मौसम सामान्य रहता है और आपूर्ति ज्यादा होती है, तो कीमतें अगले कुछ दिनों में और गिर सकती हैं। हालांकि, त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ने पर स्थिति बदल सकती है। सातनपुर मंडी में आलू की कीमतों में गिरावट ने जहां आम जनता को राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप कर किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। खरा खेल फर्रुखाबादी, फर्रुखाबाद।सातनपुर मंडी में आलू की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 30 दिसंबर को मंडी में पैक आलू ₹601 से ₹721 प्रति पैकेट की दर पर बेचा गया, जबकि खुला आलू ₹1301 से ₹1401 प्रति कुंतल के बीच रहा। यह गिरावट पिछले सप्ताह की तुलना में ₹80 प्रति कुंतल तक की कमी दर्शाती है। इस सीजन में आलू का उत्पादन अधिक हुआ है, जिससे कीमतों में गिरावट आई। कम खपत: ठंड के मौसम में मांग में कमी और बाजार में बढ़ती आपूर्ति भी गिरावट का कारण बनी। बाहरी मंडियों का प्रभाव: आसपास की मंडियों में भी कीमतों में कमी का असर सातनपुर मंडी पर पड़ा। किसानों को इस गिरावट से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि उत्पादन लागत भी पूरी नहीं हो रही। किसान राकेश कुमार ने कहा "मंडी में आलू की कीमत इतनी कम हो गई है कि हमारा खर्चा भी नहीं निकल रहा।" किसान यूनियन ने कहा "सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना चाहिए ताकि किसानों को नुकसान न हो।" दूसरी ओर, आम उपभोक्ताओं और थोक व्यापारियों के लिए यह गिरावट राहत लेकर आई है। स्थानीय व्यापारी अनिल गुप्ता ने कहा "कीमतों में गिरावट से बाजार में खरीदारी बढ़ी है।" स्थानीय निवासी सुनीता देवी ने कहा "आलू की कीमतें कम होने से सब्जी का खर्च कम हो गया है।" आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू वर्मा का मानना है कि अगर मौसम सामान्य रहता है और आपूर्ति ज्यादा होती है, तो कीमतें अगले कुछ दिनों में और गिर सकती हैं। हालांकि, त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ने पर स्थिति बदल सकती है। सातनपुर मंडी में आलू की कीमतों में गिरावट ने जहां आम जनता को राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप कर किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
12/30/20241 min read