अब खरा खेल फर्रुखाबादी हर खबर के साथ आपके मोबाइल पर

My post content

आध्यात्मिक मंच पर साहित्यिक पहल का हुआ स्वागत, काव्य पाठ कर दिया अनूठा संदेश

खरा खेल फर्रुखाबादी- फर्रुखाबाद। नगर के कादरीगेट बिर्राबाग में श्रीमद् भागवत के समापन दिवस पर साहित्य और आध्यात्म का संगम देखने को मिला। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार महेश पाल सिंह उपकारी के संयोजन और सत्यपाल सिंह 'प्रगल्भ' की अध्यक्षता में काव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन युवा साहित्यकार वैभव सोमवंशी 'सुभग' ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत गीतकार दिनेश अवस्थी की वाणी वंदना से हुई। इसके बाद कवियों ने श्रृंगार, वीर, हास्य और भक्ति रस से परिपूर्ण अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। निमिष टंडन ने अपनी भावपूर्ण पंक्तियां प्रस्तुत की: "मेरे आगोश में जब भी आया करो, खुश मेरी सुनो कुछ सुनाया करो।" वीर रस के कवि दिलीप कश्यप कलमकार ने जोश भरी पंक्तियां पढ़ीं: "अमरवीर बलिदानी हंसकर सूली चढ़ जाते हैं, रंच नहीं मरने जीने से किंचित घबराते हैं।" इन पंक्तियों पर श्रोताओं ने जोरदार तालियों से उनका उत्साहवर्धन किया। युवा गीतकार उत्कर्ष अग्निहोत्री ने गाया: "आंसु मुस्कानों से जब जुड़ जाते हैं, तब जाकर के हम गीतों को गाते हैं।" भक्ति रस के कवि प्रियांशु पाण्डेय ने भगवान राम को समर्पित पंक्तियां प्रस्तुत कीं: "उन्हें सर पर बिठाकर फिर से उनके घर को लाए हैं, अवध के राम आए हैं।" हास्य रस के कवि राममोहन शुक्ला ने अपनी मजेदार पंक्तियों से समां बांधा: "ऐसे इतराया न करो, इतना इत्र लगाया न करो।" कार्यक्रम संयोजक महेश पाल सिंह उपकारी ने भगवान राम के नाम की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि "राम" का जाप मानव जीवन में दया, हया और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सत्यपाल सिंह 'प्रगल्भ' ने साहित्यिक आयोजन को आध्यात्मिक आयोजन का सुंदर विस्तार बताते हुए वीर रस की पंक्तियां प्रस्तुत कीं: “सीमा पर चलके करें दो-दो हाथ।” कथा व्यास आचार्य अखिलेश त्रिपाठी ने साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आयोजकों को इस अनोखी पहल के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर शिव नगर के सभासद शक्ति सिंह, प्रवीण अवस्थी, मृदुल अग्निहोत्री, अरविंद चौहान, मोनू त्रिवेदी, हरभान सिंह, विभोर सोमवंशी, और डॉ. वी.के. तिवारी समेत कई भक्तजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कुशलता से युवा साहित्यकार वैभव सोमवंशी 'सुभग' ने किया। यह आयोजन साहित्य और आध्यात्म के सुंदर समन्वय का उदाहरण बना।

12/26/20241 min read