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फर्रुखाबाद में बिना पंजीकरण के चल रहे दर्जनों नर्सिंग होम🤷‍♂️

खरा खेल फर्रुखाबादी👍, फर्रुखाबाद।शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है, और इसका मुख्य कारण बन गया है हर गली-मोहल्ले में बिना किसी मानक और क्वालिटी कंट्रोल के खुले नए-नए अस्पताल। इन अस्पतालों के संचालन में न तो अनुभवी डॉक्टर होते हैं और न ही कोई योग्यतापूर्ण स्टाफ। यहां तक कि अधिकांश मामलों में कंपाउंडर और लैब टेक्नीशियन मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर का नाम केवल बोर्ड और एफिडेविट तक सीमित रहता है। फर्रुखाबाद में इस 'हॉस्पिटल हॉस्पिटल' खेल का आधार है फर्जी एफिडेविट। किसी भी डॉक्टर के नाम से एफिडेविट तैयार कर लिया जाता है।एक साधारण किराए का भवन लेकर उसे अस्पताल घोषित कर दिया जाता है। इलाज का जिम्मा कंपाउंडर, लैब टेक्नीशियन, या यहां तक कि अस्पताल के मालिक द्वारा खुद संभाल लिया जाता है। इन सभी गतिविधियों पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कोई निगरानी नहीं होती, जिससे यह कारोबार फल-फूल रहा है।फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं के इस गैर-जिम्मेदाराना संचालन का जिले में केवल 150 पंजीकृत अस्पताल हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जिले में 300 से अधिक अवैध अस्पताल सक्रिय हैं। डॉक्टरों की अनुपलब्धता: इनमें से 60फीसदीअस्पतालों में कोई स्थायी डॉक्टर नहीं है। पिछले दो वर्षों में इलाज के दौरान लापरवाही के कारण 50 से अधिक मौतें रिपोर्ट की गई हैं। बिना योग्य डॉक्टर के इलाज करना मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है। गरीब और ग्रामीण इलाकों के मरीजों को लालच देकर अनावश्यक टेस्ट और इलाज के नाम पर ठगा जा रहा है।यह प्रवृत्ति स्वास्थ्य विभाग और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की अनदेखी ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। स्थानीय स्तर पर शिकायतों के बावजूद कार्रवाई का अभाव है। यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण के बाद भी कई अस्पताल बिना किसी डर के चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को नियमित निरीक्षण करना चाहिए और बिना पंजीकरण वाले अस्पतालों को तुरंत बंद करना चाहिए।डॉक्टरों को अपने नाम के दुरुपयोग पर सख्त आपत्ति दर्ज करनी चाहिए। लोगों को यह समझने की जरूरत है कि केवल पंजीकृत और मान्यता प्राप्त अस्पतालों में ही इलाज करवाएं। फर्रुखाबाद में 'हॉस्पिटल हॉस्पिटल' खेलने का यह खेल स्वास्थ्य सेवाओं की साख को बट्टा लगा रहा है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि वे इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाएं और मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें।

1/2/20251 min read