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200 साल पुराने शिव मंदिर को कराया गया कब्जा मुक्त: हिंदू महासभा और संतों की पहल

फर्रुखाबाद। मऊ दरवाजा थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में स्थित लगभग 200 साल पुराने शिव मंदिर को अराजक तत्वों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए हिंदू महासभा और संत समाज ने महत्वपूर्ण कदम उठाया। राजस्व विभाग और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से यह ऐतिहासिक मंदिर फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। माधोपुर गांव का यह शिव मंदिर वर्षों से अराजक तत्वों के कब्जे में था। मंदिर के परिसर में भूसा और कंडे रख दिए गए थे, जिससे मंदिर का स्वरूप छिप गया था। हिंदू महासभा की टीम को जैसे ही इस कब्जे की जानकारी मिली, उन्होंने कार्रवाई की ठानी। हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विमलेश मिश्रा, जिला अध्यक्ष क्रांति पाठक, दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास महाराज, ब्रह्म चेतना जी महाराज, और जिला प्रभारी अजय दुबे अज्जू के नेतृत्व में टीम मंदिर पहुंची। मंदिर के अंदर से भूसा और कंडे हटाए गए, जिसके बाद प्राचीन शिवलिंग और नदी महाराज का स्थान सामने आया। मंदिर की स्थिति का जायजा लेने के बाद हिंदू महासभा और संत समाज ने प्रशासन को सूचित किया। राजस्व टीम के लेखपाल प्रमोद शुक्ला और संजय सिंह, पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। मंदिर की नाप-जोख की गई और स्थिति को स्पष्ट किया गया। एक बड़ी समस्या मंदिर तक पहुंचने का रास्ता न होना था। इस मुद्दे को हल करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों और हिंदू महासभा के पदाधिकारियों के बीच बातचीत हुई। सहमति के बाद मंदिर से मुख्य मार्ग तक 5 मीटर चौड़ा रास्ता चिन्हित किया गया, जिसे भविष्य में विकसित किया जाएगा। माधोपुर गांव के अन्य मंदिरों पर भी कब्जे की शिकायतें मिली थीं। हिंदू महासभा और प्रशासन ने इन मंदिरों की नाप-जोख शुरू कर दी है। हिंदू महासभा के पदाधिकारी और संत समाज इन मंदिरों को भी कब्जा मुक्त कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इस अभियान में हिंदू महासभा के नगर अध्यक्ष शिवम मिश्रा, नगर उपाध्यक्ष नितिन सक्सेना, भानु प्रताप सिंह एडवोकेट, गौ रक्षा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष सचिन शर्मा, लकी पाल, हिमांशु पाल, और राजू यादव जैसे कई स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। मंदिर को कब्जा मुक्त कराने में ग्रामीणों ने भी सक्रिय सहयोग दिया। स्थानीय लोगों ने मंदिर की नाप-जोख और रास्ता बनाने के कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। इसे कब्जा मुक्त कराना न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है। हिंदू महासभा और संत समाज ने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि मंदिर के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए विशेष कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, अन्य प्राचीन मंदिरों को भी कब्जा मुक्त करने और संरक्षित करने के प्रयास जारी रहेंगे।

12/28/20241 min read